रायपुर। नगर निगम रायपुर की ओर से सरोना में कचरा डंप किया जा रहा है। इसके खिलाफ सरोना बचाओ संघर्ष समिति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मंगलवार को निगम के अफसरों ने बताया कि पर्यावरण विभाग से अनुमति न मिलने के कारण कचरा से खाद बनाने के काम में विलंब हो रहा है। संघर्ष समिति ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम द्वारा शहर से निकलने वाले कचरे को बिना अनुमति सरोना के खुले मैदान में डंप किया जा रहा है। सैकड़ों ट्रक कचरा यहां डंप हो गया है। कचरे के ढेर के कारण दुर्गंध उठती रहती है। इससे पूरे गांव का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। तेजी से प्रदूषित होते पर्यावरण के कारण ग्रामीणों के साथ नौनिहालों का जीना मुश्किल हो गया है। सांस और फेफड़े की बीमारी भी हो रही है। निगम में शिकायत करने के बाद भी अब तक प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। डंप कचरे को हटाने के बजाय यहां रोजाना कचरा डंप किया जा रहा है। बीते सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने रायपुर नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई । निगम ने कोर्ट को जानकारी दी कि कचरा से खाद बनाने के लिए राज्य शासन ने 18 लाख रुपये स्वीकृत किये हैं। यहां सर्वसुविधायुक्त प्लांट की स्थापना की जाएगी। कचरे से खाद बनाया जाएगा। खाद बनाने के बाद इसे किसानों को बेचा जाएगा। कचरा से खाद बनाने का प्लांट स्थापित होने के कारण प्रदूषण की समस्या दूर हो जाएगी । राज्य शासन ने फंड तो जारी कर दिया है पर पर्यावरण विभाग से अब तक प्लांट लगाने के लिए अनुमति नहीं मिली है। डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 31 मार्च की तिथि तय कर दी है।
कचरे से बनाएंगे खाद, पर्यावरण अनुमति नहीं मिलने के कारण हो रहा विलंब