प्रदेश की पहली हमर लैब में जनता से धोखा, 90 तरह की जांच का सपना अधूरा

रायपुर। राजधानी के जिला अस्पताल पंडरी में 90 तरह की जांच सुविधाएं देने का दावा करते हुए अधूरी हमर लैब का उद्घाटन कर दिया गया। अब स्वास्थ्य विभाग के बताए अनुसार सुविधाएं नहीं मिलने से गरीब जनता दर-दर भटक रही है। विभाग की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत से प्रदेश भर में सरकार की किरकिरी हो रही है। बता दें कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में छत्तीसगढ़ की पहली अत्याधुनिक हमर लैब का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के हाथों हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने यहां 90 तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए काफी प्रचार-प्रसार किया। उद्घाटन की औपचारिकता पूरी कराने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सुविधाओं से लगभग मुंह मोड़ लिया। सूत्र कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने अपना नंबर बढ़ाने के लिए सुविधाएं न होने के बाद भी लैब का शुभारंभ करा दिया। इसके चलते उन गरीबों को परेशानी उठानी पड़ रही है जो दूर-दूर से जांच कराने आ रहे हैं और बैरंग लौटना पड़ रहा है।


 

डिजिटल सुविधाएं के दावे भी झूठे


स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को ऑनलाइन सुविधा देने का दावा किया था। पीड़ितों को जानकारी मोबाइल के माध्यम से भी दी जानी थी। यह भी कहा गया था कि घंटे भर में रिपोर्ट दे दी जाएगी। डिजिटल सेवा तो दूर की बात, जांच रिपोर्ट लेने के लिए पीड़ितों को एक दिन लग जाता है। उन्हें सैंपल देने के लिए कालीबाड़ी से पंडरी अस्पताल परिसर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।


 

ये सुविधाएं उपलब्ध


अत्याधुनिक हमर लैब में ब्लड, बीपी, शुगर, लिवर, किडनी, यूरिन जैसे 16 तरह के की जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये सुविधाएं पहले भी मिल रहीं थी। यह सुविधाएं स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध हैं।


इन सुविधाओं को देने का था वादा


हेमोटोलोजी, बायोकेमिस्ट्री, सीरोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, इम्मुनोलोजी, हेपेटाइटिस, रूबेला, जापानीज इन्सेफेलाइटिस सहित लगभग 90 तरह की जांच की सुविधाएं देने का वादा किया गया था, जो बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध होती हैं। इनकी सूची बनाकर बाकायदा जिला अस्पताल में लगाई गई है।