रेलवेकर्मियों के नाम पर करोड़ों का फर्जी लोन, रेलवेकर्मी समेत पांच गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी तरीके से करोड़ों का लोन निकालकर ठगी करने वाले एक बड़े रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। रैकेट से जुड़े एक रेलवेकर्मी, उसकी पत्नी समेत पांच लोगों को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पांचों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अफसरों का दावा है कि रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को दूसरे राज्यों में रवाना की गई है। बुधवार को गिरोह का खुलासा किया जाएगा। नईदुनिया ने इस मामले को 25 दिसम्बर 2019 को सबसे पहले प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जानकारी के मुताबिक फर्जी दस्तावेज से रेलवे के पांच कर्मचारियों के नाम पर बैंक से होम लोन की रकम निकालकर ठगी का मामला सामने आने पर यूनियन बैंक के मैनेजर ने सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि कुछ लोग फर्जी दस्तावेज पेश करके लोन सेक्शन कराकर पैसे ले लिए हैं। जांच के घेरे में आए एक रेलवे कर्मचारी, उसकी पत्नी समेत पांच लोगों को मंगलवार हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अफसरों का कहना है कि जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार अपराध पंजीबद्घ किया जाएगा। अभी पांच लोगों से पूछताछ हो रही है। बैंक के कुछ कर्मचारियों को भी बुलाकर जानकारी ली जा रही है। अभी तक करीब 25 लोगों से ठगी की शिकायतें सामने आ चुकी है। ये अलग-अलग बैंकों की शिकायते हैं।



पिछले साल रेलवे डीएलएस और डीआरएम ऑफिस के कर्मचारियों से करोड़ों रुपये की ठगी सामने आने पर हड़कंप मच गया था। करीब 70 रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी तरीके से 6 करोड़ का होम लोन ले लिया गया था। इसकी भनक तक किसी को नहीं हुई। ठगी की इस वारदात को दो रेलवे कर्मचारियों डी श्रीधर और आर नगपुरु शामिल थे। दोनों डीजल लोको सेड में कार्यरत है।


लोन लेकर पटाते रहे किस्त


जिन रेलवे कर्मचारियों के नाम पर होम लोन निकाले गए थे उनके पास बैंक से कॉल आने के बाद ठगी का खुलासा हुआ। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि आरोपित ने दस्तावेज में अपने फोटो लगाए और इंडियन ओवर सीज बैंक, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंकों से लोन ले लिया। ठगी के शिकार एक कर्मचारियों के नाम पर 17 लाख का लोन लिया गया था। जब बैंक मैनेजर ने कॉल कर पूछताछ की तब पता चला। इसी तरह दूसरे कर्मचारी के नाम पर 26 लाख का लोन लिया गया। करीब डेढ़ सालों से फर्जी तरीके से लोन लेने का यह खेल चल रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि लोन की किश्त भी गिरोह द्वारा पटाया जा रहा था। लेकिन पिछले तीन महीनों से किश्त नहीं पटाने पर जब बैंक प्रबंधन ने पतासाजी शुरू की तब फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ।