40 करोड़ रुपये फूंककर बच्चों की ली परीक्षा, नहीं दिया परिणाम

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों की छमाही परीक्षा की तर्ज पर राज्य स्तरीय परीक्षा ली, पर परिणाम चार महीने बाद भी नहीं आया है। विभाग ने नवंबर-दिसंबर में राज्य स्तरीय आकलन (स्टेट लेवल असेसमेंट) परीक्षा ली थी। वार्षिक परीक्षा का समय आ गया है, पर अभी तक छमाही परीक्षा का परिणाम नहीं आया है। एक साल पहले बेसलाइन मूल्यांकन करते हुए राज्य स्तरीय परीक्षा ली गई थी, तब भी बच्चों को समय पर रिपोर्ट कार्ड नहीं मिला था। बच्चे अगली कक्षा में चले गए थे, पर परिणाम नहीं मिला था। परीक्षा में हर परीक्षार्थी का रिपोर्ट कार्ड देना था, पर आज तक बच्चों का परिणाम जारी नहीं किया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से प्रश्न पत्र बनवाए थे। बताया जाता है कि इसकी छपाई में 40 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। 30 लाख से अधिक बच्चों की परीक्षा ली गई थी।


 

देश भर के लिए पेश किया था फार्मूलाः एससीईआरटी ने पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों की शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत होने वाले रचनात्मक (फारमेटिव) आकलन और सावधिक (पिरियोडिक) आकलन के लिए पहली बार ऑनलाइन डिजिटल माध्यम का प्रयोग किया था। इससे राज्य सरकार ने टीम्स टी एप कुछ महीने पहले ही लांच किया था। इसके माध्यम से परीक्षा के मूल्यांकन करने की योजना बनाई गई थी। राज्य स्तरीय परीक्षा लेकर प्रदेश का नाम देशभर में रोशन हुआ था अब अफसर इस योजना की पलीता लगा रहे हैं।


 

राज्य स्तरीय परीक्षा के आंकड़ों को अपडेट करा रहे हैं। जल्द ही इसके परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।


जितेंद्र शुक्ला, संचालक, एससीईआरटी