डेढ़ माह में सिर्फ .19 फीसद बढ़े फास्टैग वाले वाहन

रायपुर। प्रदेश के टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियां फास्टैग लगाने में रुचि नहीं दिखा रही हैं। अभी तक सिर्फ 51.81 प्रतिशत वाहनों में ही फास्टैग लगा है। जनवरी तक 51.62 प्रतिशत वाहनों में फास्टैग लगा था। इस हिसाब से लगभग डेढ़ महीने में फास्टैग लगाने वाले वाहन सिर्फ .19 फीसद बढ़े हैं। सरकार की सख्ती के बाद भी लोग फास्टैग नहीं लगवा रहे हैं। इसके चलते टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग के गुजरने वाली गाड़ियों के लिए एक-एक लेन खोल दिया गया है। ज्यादातर वाहन मालिक फास्टैग लगाने के बजाय इसी लेन से आवागमन कर रहे हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ठेका एजेंसियों की बैठक लेकर इसमें तेजी लायी जाएगी। ज्ञात हो कि प्रदेश में राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत 10 टोल प्लाजा हैं। प्राधिकरण लखोली, ठाकुरटोला, धमधानाका, ढांक, छुईपाली, मुढ़ीपार, भोजपुर, जगतरा, बदईगुड़ा और भोजपुरी टोल प्लाजा में टोल ले रहा है। फास्टैग की व्यवस्था पूरे देश भर के टोल प्लाजा में लागू है। पिछले चार माह से टोल प्लाजा से गुजरने वाले लोगों को फास्टैग के बारे पोस्टर-बैनर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। यात्रियों को टोल प्लाजा से गुजरने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, फिर भी वे फास्टैग नहीं लगवा रहे हैं।


 

फास्टैग लाइन में घुसने वालों से डबल चार्ज


टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग के गुजरने वाले वाहनों के लिए एक लेन आने और एक लेन जाने के लिए खोला गया है। कभी-कभी इस लेन पर भीड़ इतनी हो जाती है कि यात्री फास्टैग वाले वाहनों की लाइन में घुस जाते हैं। बिना फास्टैग वाले ऐसे वाहनों से राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण दोगुना शुल्क वसूल रहा है।