कोरबा । नशे में ड्राइविंग न केवल अपनी, बल्कि सड़क से गुजरने वाले प्रत्येक राहगीर की जिंदगी खतरे में डाल सकता है। बावजूद इसके मदिरा के शौकीन सुधरने का नाम नहीं ले रहे। परिणामस्वरूप यातायात पुलिस की जांच कार्रवाई में पकड़े गए 20 मामलों में न्यायालय ने दो लाख 32 हजार का अर्थदंड आरोपित किया है। 24 घंटे भारी वाहनों की दौड़ वाले कोरबा में खासकर नशे में ड्राइविंग करनेवालों पर सख्ती से कार्रवाई और भी जरूरी हो जाती है। वर्ष 2020 में साल के पहले दिन से लोग बड़ी संख्या में लोग शराब का सेवन कर वाहन चलाते पकड़े जा रहे हैं। पिछले साल लोगों की सुरक्षा के लिए बने नियम-कायदों को बेधड़क दरकिनार कर रहे नशेड़ी चालकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किए गए, फिर भी ऐसे लोग अपनी ही सुरक्षा को दरकिनार करने से नहीं चूक रहे। नशे में ड्राइविंग पर पूर्ण रोक की दिशा में प्रयास करते हुए एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के दिशा-निर्देश एवं ट्रैफिक पुलिस की टीआइ श्याम सिदार व यातायात सूबेदार भुनेश्वर कश्यप के मार्गदर्शन में शहर में ऐसे वाहन चालकों की जांच तेज की गई है। इसी कड़ी में सोमवार को यातायात पुलिस की ओर से पकड़े गए मामले न्यायालय में प्रस्तुत किए गए थे। न्यायालय ने प्रकरण पर कार्रवाई करते हुए दो लाख 32 हजार रुपये का अर्थदंड वसूल करने के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई से नशे में ड्राइविंग करने वाले लापरवाह चालकों के सुधरने की उम्मीद की जा रही।
तो कम हो जाए दुर्घटनाओं का ग्राफ
न्यायालय में पेश मामलों पर जहां एमवी एक्ट की धारा 185 के तहत 20 पर अर्थदंड आरोपित किया गया है, अन्य 41 प्रकरणों में भी 18 हजार 700 रुपये का समन शुल्क वसूल किया गया है। कुल 61 प्रकरणों पर कार्रवाई की गई है। 17 मार्च को प्रस्तुत सड़क दुर्घटना दैनिक प्रतिवेदन के अनुसार मृत्युकारित दुर्घटना में धारा 304 के तहत एक प्रकरण भी दर्ज किया गया है। इसमें तीन साधारण घायल भी हुए। सड़क पर होने वाले हादसों का आंकड़ा कम किया जा सकता है, जब लोग सुधार की राह पकड़ते हुए नशे में वाहन चालन से तौबा करें। इस तरह वे स्वयं के साथ दूसरों की यात्रा भी सुरक्षित करने मदद कर सकेंगे।
दो माह में 223 मामले, वसूले 15 लाख
एक ओर सड़क दुर्घटनाएं रोकने पुलिस-प्रशासन हर संभव कवायद में जुटी गई है, तो दूसरी ओर ऐसे वाहन चालक भी हैं, जो नशे का शौक पूरा करने दूसरों की जान तक की परवाह नहीं करते। यही लापरवाही राहगीरों के लिए घातक साबित हो सकती है। पुलिस कार्रवाई में अभियान चलाते हुए इन लापरवाह वाहन चालकों को पकड़ा जा रहा। वर्ष 2020 की बात करें तो जनवरी से अब तक की गई यातायात पुलिस की जांच कार्रवाई में दर्ज प्रकरणों की संख्या 250 के पार पहुंच चुकी है। एक जनवरी से 29 फरवरी के बीच पुलिस ने 223 प्रकरण दर्ज किए, जिनमें करीब 15 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
आफत में न डालें राहगीरों की जिंदगी
यातायात सूबेदार भुनेश्वर कश्यप ने कहा कि शराबी चालकों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही। कई बार जांच में ऐसे चालक भी पकड़े जाते हैं, जिन्होंने न केवल नशा कर रखा होता है, बल्कि नशे में खतरनाक व जानलेवा तरीके से वाहन भी चलाते मिलते हैं। नशे में चूर होकर ऐसे चालक यातायात नियमों का उल्लंघन तो कर ही रहे, नासमझी में अपने साथ दूसरों की जान भी आफत में डाल रहे। ऐसे चालकों को सुधर जाने की समझाइश भी दी जाती है। अब जो नहीं सुधर रहे, वे ध्यान रखें कि इस तरह अपनी जान जोखिम में डाल कर वे घर पर राह देख रहे परिजनों की आस भी तोड़ रहे, जो असीम दुख का कारण बन सकता है।