रायपुर । कोरोना वायरस के मद्देनजर इस साल नवरात्रि पर मंदिरों में न तो माता के जसगीतों को गाते गायक नजर आएंगे और न ही महाआरती के दौरान भक्तों की भीड़ दिखाई देगी। मंदिर के पुजारी ही आरती करेंगे और भक्त दर्शन करके आगे बढ़ते रहेंगे। किसी भी भक्त को मंदिर परिसर में खड़े रहने नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा कोई भी भक्त अगरबत्ती नहीं जला सकेंगे। भक्तों को कपूर जलाने की ही छूट होगी। यह फैसला राजधानी के सबसे बड़े महामाया देवी मंदिर ने लिया है।
मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्रि में मंदिर ट्रस्ट की तरफ से होने वाले भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को कोरोना वायरस पर जारी सरकारी आदेश के आधार पर रद किया गया है। इससे बचने के लिए मंदिर परिसर में केमिकल्स का छिड़काव किया जा रहा है। यह छिड़काव लगातार चलता रहेगा। मंगलवार को प्रशासन के अधिकारियों ने मंदिर प्रबंधन के साथ बैठक करके दिशानिर्देश दिए। इसके बाद ही यह फैसला लिया गया।
नवरात्रि में मंदिर परिसर 24 घंटे खुला रहता है और रात्रि में विविध मंडलियों द्वारा जसगीत, भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। आगामी चैत्र नवरात्रि में इन कार्यक्रमों को स्थगित किया गया है। मात्र पूजा पाठ, दर्शन, आरती ही होगी।
दुकानदार नहीं बेचेंगे अगरबत्ती
मंदिर परिसर के बाहर पूजन सामग्री बेचने वाले दुकानदार नारियल, चुनरी, कपूर ही बेच सकेंगे। मंदिर में अगरबत्ती जलाने पर रोक लगा दी गई है। भक्तगण कपूर ही जला सकेंगे। इन मंदिरों के अलावा शीतला माता मंदिर, कंकाली मंदिर, बंजारी मंदिर रावांभाठा, बंजारी चौक स्थित मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर कुशालपुर, मौली माता मंदिर समेत अनेक देवी मंदिरों में भी इसी तरह की तैयारी की जा रही है।
महावीर जन्मोत्सव के कार्यक्रम स्थगित
भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव 2020 के कार्यक्रम 23 मार्च से अलग-अलग मोहल्लों में होने थे। इन कार्यक्रमों को भी स्थगित कर दिया गया है। भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि बैठक में सकल जैन समाज के सभी 14 घटकों के पदाधिकारियों ने शासन के आदेशानुसार कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया। एक अप्रैल को फिर बैठक होगी। इसमें आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा की जाएगी।