नौ विदेशियों को भेजा वापस, विदेश से पहुंचे 45 यात्रियों की जांच

रायपुर। कोरोना वायरस की जांच को लेकर दिन भर कड़ी सुरक्षा और जांच के बीच नौ से 10 विदेशियों को एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया। वहीं लापरवाही यह कि विदेश यात्रा कर पहुंचे अधिकांश लोग मंत्री, विधायक और अफसरों तक पहुंच बताकर जांच में सहयोग करने के बजाय ऐसे ही लौट गए। एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार मंगलवार को दिन भर में 1800 से अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें विदेश यात्रा कर पहुंचे लगभग 45 लोगों की पहचान की गई। छत्तीसगढ़ आए नौ से 10 विदेशियों को सुरक्षा की दृष्टि से नया रायपुर के सेक्टर-24 स्थित झांझ के आइसोलेशन सेंटर में जाने के लिए कहा गया। वहां उन्हें 14 से 15 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाना था। मना करने के बाद उन्हें एयरपोर्ट से ही जहां से पहुंचे थे, वहां लौटा दिया गया।


इधर केंद्र से मिले निर्देश के बाद एयरपोर्ट पर 20 से अधिक चिकित्सा कर्मियों और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यात्रा कर पहुंचे लोगों की जांच के बाद लक्षण के आधार पर किस तरह की सतर्कता बरतनी है, यह बताया गया। इधर विदेश से पहुंचे लोगों की सूची बनाकर सभी जिलों के सीएमएचओ को भेज दी गई है, ताकि उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सके।


 

अफसर-मंत्रियों की पहुंच आ रही काम


गंभीर स्थिति से निपटने के लिए लोगों को जांच में स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करना चाहिए, लेकिन एयरपोर्ट पर अलग नजरा देखा गया। कुछ यात्रियों ने नईदुनिया को बताया कि विदेश से पहुंचे यात्रियों की जांच के बाद उन्हें आइसोलेशन सेंटर ले जाने की बात कही गई, तब वे मंत्री, विधायक और अफसरों तक पहुंच या उनसे रिश्तेदारी बताकर बिना जांच के ही रवाना होने का प्रयास करने लगे।


 

इंदौर से आए विमान को लौटाया


एयरपोर्ट प्रबंधन ने बताया कि इंदौर से रायपुर पहुंचे विमान क्रमांक 6811 के यात्रियों को उतरने नहीं दिया गया। नियमित विमान को इंदौर से रायपुर फिर कोलकाता जाना था, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से किसी यात्री को रायपुर एयरपोर्ट पर उतरने नहीं दिया गया। विमान में लगभग 150 यात्री सवार थे। इनमें कितने यात्री रायपुर के थे, कोई विदेशी था या नहीं, इसकी जानकारी एयरपोर्ट प्रबंधन ने नहीं दी।


जांच से डरे तो चली नौटंकी


कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने नईदुनिया को बताया कि जांच के दौरान कुछ यात्रियों को आइसोलेशन सेंटर ले जाने को कहा गया। यह सुनते ही एयरपोर्ट पर उनकी नौटंकी शुरू हो गई। डर के मारे नहीं जाने का विरोध करते दिखे। कुछ ने समझाने पर जांच की प्रक्रिया पूरी की। कुछ को पुलिसबल ने जबरन जांच कराकर सेंटर भेजा।


गाइड लाइन के हिसाब से विदेश से पहुंचने वाले लोगों को लक्षण के आधार पर आइसोलेशन सेंटर में रखना है, ताकि कोई संक्रमित व्यक्ति समुदाय में न जाए। कुछ लोग जांच को लेकर विरोध करते दिखे, जिन्हें समझा लिया गया। कुछ विदेशी भी रायपुर पहुंचे थे, जिन्हें 14 दिन तक सेंटर में रहने को कहा गया। मना करने पर उन्हें जहां से आए थे, वहीं वापस भेज दिया गया। लोगों को जागरूकता दिखानी चाहिए, साथ ही स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना चाहिए।


डॉ. धर्मेंद्र गहवई, राज्य नोडल अधिकारी


कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतते हुए चिकित्सा कर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती में दिन भर यात्रियों की जांच की गई। 1800 लोगों से जानकारी लेकर फॉर्म भराया गया। इंदौर से 150 यात्रियों से भरा विमान उतरा था, इस विमान को कोलकाता जाना था। हमने यात्रियों की जांच विमान में ही की। सुरक्षा की दृष्टि से इस विमान से कोई भी यात्री को बिना उतारे करीब आधे घंटे बाद वापस रवाना कर दिया गया। विमान में तकनीकी खराबी भी थी, जिसकी जांच की गई।


राकेश सहाय, निदेशक, माना एयरपोर्ट